Monday 6 June 2011

आज मुझे राजनीती से नफरत हो गयी.

 आज मुझे राजनीती से नफरत हो गयी.मै समझता हूँ बहुत से लोग राजनीती पसंद नहीं करते,लेकिन  मै एक भारतीय हूँ.मुझे मेरा भारत पसंद है,इसीलिए मै भारत की राजनीती को भी पसंद करता हूँ.  इसीलिए भारत से जुडी हर चीज मुझे पसंद है.मै ये भी समझता हूँ की राजनीती गन्दी होती है ,लेकिन  मै ये भी जानता हूँ की अगर अच्छी राजनीती हो तो देश आगे बढता है,देश प्रगति करताहै, देशवासी  सुखी होते हैं.बस इसी अच्छी राजनीती के विश्वास पर ही मै राजनीती की तरफ आशावान नजरों से  भारत को लेकर देखता था.क्योंकि बिना लोकतंत्र की राजनीती से देश कार्यान्वित नहीं हो सकता, देश  नहीं चल सकता. इसीलिए सोचता था की एक जागरूक भारतीय नागरिक होने के नाते हमें राजनीती  से मुंह फेरने के बदले एक अच्छी राजनीती,देशनीति की तरफ हमेशा आशावान रहना चहिये. बस  यही एक विचार था जो मुझे अपने देश की राजनीती से जुड़ने की प्रेरणा देता था.लेकिन आज की  दुर्भाग्यपूर्ण घटना,आज की गन्दी राजनीती को देखकर,उसके एहशाश से भी मुझे घृणा हो गयी है.  आज मुझे राजनीती से नफरत हो गयी.

   मुझे किसी राजनितिक पार्टी से लगाव नहीं,लेकिन मै भारतीय राजनीती ,अपने देश की राजनीती में विश्वास  कर उससे प्यार करना चाहता हूँ,क्योंकि मुझे लगता है हम सब भारतवासी चाहते है के देश आगे बढे .किसी की  नक़ल करके नहीं,किसी के दिखावे को देखकर नही,बल्कि भारत विशुद्ध रूप से भारतीय बनकर,भारतवर्ष बन  कर आगे बढे.दुनिया में चमके .भारत एक ऐसा संपन्न देश बने जो आर्थिक ही नहीं, सामाजिक, पारिवारिक  और नैतिक मूल्यों में संपन्न हो कर दुनिया को राह दिखाए.सिर्फ ऐशो-आराम ही नहीं बल्कि अध्यात्मिक  मूल्यों में भी अग्रगण्य बने .
    एक ऐसा व्यक्ति जो सिर्फ व्यक्ति ही नहीं बल्कि हर भारतवासी की अभिव्यक्ति बनकर,उनकी जुबान बनकर,  भ्रस्टाचार के विरूद्ध मजबूत कानून लाने के लिए सत्याग्रह करता है .एक ऐसा व्यक्ति जो काले-धन के खिलाफ अनशन  करता है,वो धन जो हर भारतवासी की मेहनत की कमाई का हिस्सा है.वो धन जो अगर देश में वापस आ जाये  तो उससे बहुत से गाँव आदर्श-गाँव बन सकते है,इससे भारत को मजबूती मिलेगी.तो ये नेता उसके खिलाफ गन्दी राजनीती करते है,उन पर बलप्रयोग कर,उनका मजाक बनाते है.और दुसरे नेता,पार्टियाँ अपनी-अपनी  रोटियां सेकने के लिए आगे आ जाते हैं .
 मुझे लगता है की अब हर भारतवासी ये समझ गया होगा की ये नेता गन्दी राजनीती कैसे करते हैं.ये व्यक्ति  जनता  की बात लेकर इन नेताओं के सामने गए है,वो भी कोई नेता बनकर नहीं बल्कि एक भारतीय समाज  बनकर क्योंकि हर भारतवासी ये कहना चाहता है.हर भारतवासी ने भले नेता चुनकर दिए हों,लेकिन वो सब  गन्दी राजनीती के शिकार लगते है.इसीलिए हर भारतवासी नेता के बदले जननायक की उम्मीद कर रहा था जो उनकी बात सरकार तक पहुंचाए .अब अगर ये भारतवासी,हर भारतवासी की बात सरकार से करवाना चाहते है  तो ये नेता इसे समझने के बदले गन्दी राजनीती कर रहे है .
  मुझे लगता है की कैसे भी मजबूत जन -लोकपाल -बिल बन जाना चाहिए,कैसे भी कालाधन भारत में वापस  आ जाना चाहिए .
       क्योंकि ये किसी व्यक्ति की नहीं हर भारतवासी की मांग है.मै अगर एक जागरूक भारतीय और  भारतवासी होने के नाते अपना पक्ष रखू तो मुझे लगता है बस ये हो जाना चाहिए था.क्योंकी हम ये  उम्मीद कत्तई नहीं कर सकते की अगर मौजूदा सरकार ने ये काम नहीं किया तो कोई दूसरी सरकार ये  काम करेगी,क्योंकि वो भी गन्दी और स्वार्थी राजनीती करने से बाज नहीं आएगी.अगर ये काम हो  जाये तो मुझे लगता है के अभी से ही इन गंदे राजनीतिज्ञों का शुद्धिकरण होना चालू हो जायेगा,और  देश के लिए कुछ अच्छा हो जायेगा.इसलिए हर देशवासी अब येही चाहता है और येही चाहेगा की इन  सामाजिक और आर्थिक मूद्दों पर गन्दी राजनीती ना हो कर बस ये काम(जन -लोकपाल  -बिल,कालाधन) जल्दी से जल्दी हो जाये.क्योंकि अगर गन्दी राजनीती हुई और अगर ये काम अभी  ना हुआ तो शायद ये कभी ना हो ,या फिर साठ साल ना बीत जाये .........

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