Tuesday 3 January 2012

हरा-हरा है रंग मेरा ,हरी पेड़ की डाली ,
इस टहनी से उस टहनी पे उडती मै मतवाली ,
पेड़ों की छत पर बैठ मै देखूं सूरज की लाली ,
साँझ ढले पेड़ों के झुरमुट में ढुडूँ सेज तिनकों वाली ,
निसर्ग का गुंजन हूँ मैं ,है जीवन मेरा हरियाली .