Tuesday 28 June 2011

तनहा ही रहने दे ...


अए जिन्दगी अब मुझको तू तनहा ही रहने दे ...
  मत ढूढ़ कोई हमसफ़र मुझको खुद में ही बहने दे ,
 
  उसकी यादों को भूला के दिल को किया है खाली ,
  अब खाली हूँ तो मुझको खाली ही रहने दे ......
  अए जिन्दगी अब मुझको तू तनहा ही रहने दे ...
 
  दिल के वीराने में जो एक पीर पला करती है ,
    खाली दिल के सन्नाटे में जो एक गूँज उठा करती है ,
  उस अनसुने को अब तू अनसुना ही रहने दे .....

  अए जिन्दगी अब मुझको तू तनहा ही रहने दे ...
  मत ढूढ़ कोई हमसफ़र मुझको खुद में ही बहने दे ,



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