अए जिन्दगी अब मुझको तू तनहा ही रहने दे ...
मत ढूढ़ कोई हमसफ़र मुझको खुद में ही बहने दे ,
उसकी यादों को भूला के दिल को किया है खाली ,
अब खाली हूँ तो मुझको खाली ही रहने दे ......
अए जिन्दगी अब मुझको तू तनहा ही रहने दे ...
अब खाली हूँ तो मुझको खाली ही रहने दे ......
अए जिन्दगी अब मुझको तू तनहा ही रहने दे ...
दिल के वीराने में जो एक पीर पला करती है ,
खाली दिल के सन्नाटे में जो एक गूँज उठा करती है ,
उस अनसुने को अब तू अनसुना ही रहने दे .....
अए जिन्दगी अब मुझको तू तनहा ही रहने दे ...
मत ढूढ़ कोई हमसफ़र मुझको खुद में ही बहने दे ,
खाली दिल के सन्नाटे में जो एक गूँज उठा करती है ,
उस अनसुने को अब तू अनसुना ही रहने दे .....
अए जिन्दगी अब मुझको तू तनहा ही रहने दे ...
मत ढूढ़ कोई हमसफ़र मुझको खुद में ही बहने दे ,
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