{{फिर एक जख्म}}
कुछ जिंदगियां फिर खामोश हो गयी बम के धमाकों में ,
मुंबई फिर नज़र आने लगी दहशत के सन्नाटों में ,
कुछ और कामयाबियां जुड़ गयी दहशतगर्दों के खातों में ,
कुछ और नाकामयाबियाँ नज़र आई हमारे सियासतदारों में ,
उनके यहाँ(in west countries) तो अपाहिज भी जीतें है शान से ,
हमारे यहाँ तो अच्छे-भले भी बिना कसूर जातें हैं जान से ,
अब भी कोई सुरक्षा का इंतजाम नहीं करेगा ,
बस भाषणबाजी से अपनी चमकाने का काम करेगा ,
बस कुछ दिनों तक रहेगा हाईईईई-अलर्ट,
उसके बाद फिर ये सियासतदा करेंगे देश का बेडा-गर्क .
मुंबई फिर नज़र आने लगी दहशत के सन्नाटों में ,
कुछ और कामयाबियां जुड़ गयी दहशतगर्दों के खातों में ,
कुछ और नाकामयाबियाँ नज़र आई हमारे सियासतदारों में ,
उनके यहाँ(in west countries) तो अपाहिज भी जीतें है शान से ,
हमारे यहाँ तो अच्छे-भले भी बिना कसूर जातें हैं जान से ,
अब भी कोई सुरक्षा का इंतजाम नहीं करेगा ,
बस भाषणबाजी से अपनी चमकाने का काम करेगा ,
बस कुछ दिनों तक रहेगा हाईईईई-अलर्ट,
उसके बाद फिर ये सियासतदा करेंगे देश का बेडा-गर्क .
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